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waqt

एक दिन भी मुझसे अब काटा नही जाता पूरा साल बीत गया ये कहते कहते.... ~सुधीर

वादे

कुछ ने वादे किए और तोड़ दिए कुछ ने आधे-अधूरे छोड़ दिए कुछ ने निभाया, पर वादा नही किया कुछ ने जरूरी नही समझा और भूल गए कुछ ने दे दी जान वादों के लिए कुछ को वादों ने बचा लिया कुछ ने चाहा ही नही कुछ मजबूरियों का शिकार हो गए कुछ वादे खुद से किए कुछ में दूसरे भी शामिल हुए कुछ वादे राज रखे गए कुछ वादे सरेआम हुए कुछ वादों ने उम्मीद दी चाहे वो झूठे ही किए गए कुछ वादे असंभव लगे फिर भी पूरे किए गए "~सुधीर

बिहारी (एक कहानी)

संदर्भ :- बनकटा रेलवे स्टेशन, देवरिया से सिवान होकर जाने वाली मेन लाइन पर पड़ने वाला उत्तर प्रदेश का आखिरी रेलवे स्टेशन है। 4-5 किलोमीटर आगे बिहार राज्य शुरू हो जाता है। इस रेलवे लाइन के स्टेशनों और रेलवे लाइन का विकास कार्य देश की तरह ही सदियों से रुका पड़ा था।  8-10 वर्ष पहले इस रेलवे लाइन का दोहरीकरण का कार्य शुरू हुआ और पूरा हुआ। इसके साथ ही स्टेशनों व रेलवे को इलेक्ट्रिक से चलाने के लिए निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। रेलवे के तार तो पूरी तरह से बिछ गये लेकिन कुछ छोटे स्टेशनों पर काम अधूरा छोड़ दिया गया।  रेलवे के इलेक्ट्रिक होने के बाद क्षेत्र के लोगों को ट्रेनों के समय से चलने का सपना आने लगा। सरकार ने लोगों के इस सपने को जिंदा रखा और अभी भी ट्रेनों का समय से चलना सपना ही है।  कहानी: - बिहारी बनकटा रेलवे स्टेशन पर एक रिक्शा चालक है। जुलाई का महीना है सबेरे के 8 बजे है। मौसम खराब है। रेलवे के इलेट्रिक तार बिछाने वाले मजदूर काम शुरू करने की तैयारी कर रहें है। थोड़ी देर में आंधी के साथ- साथ बरसात भी आ गई है।प्लेटफॉर्म पर तार पड़ा हुआ छोड़कर  मजदूरों ने काम बंद कर दिया है और सब स्टेशन के शेड म

apnapan

मैं तकिया रखता हूँ सर छुपा के रोने के लिए सबके नसीब में बाहें नही होती... #sudhiraag

pyaar

प्यार है तुमसे रोज रोज ना पूछो कभी तो ऐतबार करो हमेशा के लिए #sudhiraag

andhera

अंधेरे के साथ चलोगे अंधेरे में रहोगे रौशनी के साथ रहो तुम्हें सूरज तक पहुँचना है... #sudhiraag

गाँव

आया था बाहर से कितनी गंदगी देखकर यहाँ शहरों की सफाई ने हैरान कर दिया Sudhiraag